इस बार महिला दिवस और होली दोनो का एक साथ आ जाना ... कौन जाने किस सत्य से परिचित करा रहा है यह दिन ..सच कहूं तो रंग खिलते भी वहीं हैं जहां स्त्री का सम्मान होता है इस सम्मान के लिए क्या कोई एक दिन निश्चित होना चाहिए .. हम मन में विकास की सोच रखें ऊपर उठने की इच्छा को बलवती रखें और जड़ों को कमजोर करते चलें या उन्हें कलंकित करने में किसी तरह की कसर न छोड़ें ... हत्या कर दें गर्भ में जिसकी यह भूलकर कि हमारी जननी भी यही है ये न होगी तो हमारा अस्तित्व ही क्या ... इन सब बातों का सिलसिला लम्बा चल सकता है लेकिन ब्लॉग जगत में भी कई ऐसी शख्सियत हैं जिनकी लेखनी के आगे नतमस्तक होने को जी चाहता है मुझे लगा इन सबको एक साथ आपके सामने लाऊँ अपनी नज़र से सबसे पहले चलते हैं हम.... आप सबकी पहचान आपकी कलम ... और आपका अपना ब्लॉग .. जिसके माध्यम से हम अपनी बात अपने विचार सबके साथ साझा कर सकते हैं ...
आदरणीय रश्मि जी के ब्लॉग पर इस बार इनकी महिला दिवस पर लिखी गई पोस्ट एक गहन सच्चाई लिए हुए है जिससे हम इंकार नहीं कर सकते ... कितनी दृढ़ता से वे कह रही हैं नहीं चाहिये दिवस ....
आगे बढ़ते हुए नज़र जहां जाती है वहां आदरणीय संगीता स्वरूप जी दिखाई देती हैं ... जिंदगी की महाभारत
के साथ आदरणीय वंदना जी को पढ़ते हुए आगे बढ़ेंगे ... जहां हैं होली के अनोखे रंग ...रंगों की बातें ...
आदरणीय साधना जी की इस प्रस्तुति में जहां है ... प्रतीक्षा
यहां रेखा श्रीवास्तव जी होली की अद्भुत छटा बिखेर रही हैं रंगों के साथ ... होली ... होली ... होली ...
रंगों की इस मस्ती के बीच शमा जी कहती हैं ... दीवारें बोलती नहीं
तो वाणी जी का कहना है कुछ ये ... छोटी पहचान लम्बा इंतज़ार....
तो है पर डा. मोनिका जी बता रही हैं कि स्वयं ....तय करें अपनी प्राथमिकतायें
अपनी प्राथमिकताओं में मत भूलें ... रचना दीक्षित जी के अनुसार ... खबर की दुनिया
में एक नाम और भी है प्राथमिकता के साथ ... अर्चना चावजी का
डा. दिव्या ने कहा है चिर युवा हैं भारत माता बिल्कुल सच उनकी बात से सहमत भी हूं ...
दर्द की बात हो यह क्षणिकाओं की एक नाम सबसे पहले आता है ... इनका हरकीरत हीर जी
फिर है मंद बयार जहां इंदु जी के शब्दों में उनका ब्लॉग हृदयानुभूति पर यहां देखा इन्हें तो आइए आप भी ..
आपके सानिध्य में दिन-रात जो रहने लगा हूँ....... ने कहा है मृदुला प्रधान जी ने ...
कहा तो कुछ मेरी कलम से .. में हैं आपके साथ रंजना भाटिया जी
हंसकर जीवन ऐसे जिया बता रही हैं अनुपमा जी मेरी तो मंशा यही है कि
सबको साथ लेकर चलूं ... लेकिन कहीं आप सब मुझे मन ही मन ... कुछ कह तो नहीं रहे ... अब ज्यादा नहीं बस ...
हमारे ब्लॉग जगत की नई कलम के ऐसे हस्ताक्षर जिनकी चर्चा न हो तो सब सूना लगेगा ...
इनकी लेखनी भी बहुत ही सशक्त एवं परिपक्व है ... मिलते हैं अनुलता 'विद्या' जी से यहां ...
नारी सर्वत्र पूजिते ... बस कहते सुना है लोगों को ... जिसने हिम्मत कभी ना हारी है वो नारी है ....
सखियों ने भेजा संदेश ... कह रही हैं अवंती सिंह जी यहां .. आओ होली आई है
आप सभी को साथ लाने का यह प्रयास था संभव हुआ या नहीं यह तो आप ही को बताना है ... शुभकामनाएं एक दिन की नहीं .... बल्कि हर दिन की चलते-चलते ... शिखा जी यहां हैं ...जय हो !
आदरणीय रश्मि जी के ब्लॉग पर इस बार इनकी महिला दिवस पर लिखी गई पोस्ट एक गहन सच्चाई लिए हुए है जिससे हम इंकार नहीं कर सकते ... कितनी दृढ़ता से वे कह रही हैं नहीं चाहिये दिवस ....
आगे बढ़ते हुए नज़र जहां जाती है वहां आदरणीय संगीता स्वरूप जी दिखाई देती हैं ... जिंदगी की महाभारत
के साथ आदरणीय वंदना जी को पढ़ते हुए आगे बढ़ेंगे ... जहां हैं होली के अनोखे रंग ...रंगों की बातें ...
आदरणीय साधना जी की इस प्रस्तुति में जहां है ... प्रतीक्षा
यहां रेखा श्रीवास्तव जी होली की अद्भुत छटा बिखेर रही हैं रंगों के साथ ... होली ... होली ... होली ...
रंगों की इस मस्ती के बीच शमा जी कहती हैं ... दीवारें बोलती नहीं
तो वाणी जी का कहना है कुछ ये ... छोटी पहचान लम्बा इंतज़ार....
तो है पर डा. मोनिका जी बता रही हैं कि स्वयं ....तय करें अपनी प्राथमिकतायें
अपनी प्राथमिकताओं में मत भूलें ... रचना दीक्षित जी के अनुसार ... खबर की दुनिया
में एक नाम और भी है प्राथमिकता के साथ ... अर्चना चावजी का
डा. दिव्या ने कहा है चिर युवा हैं भारत माता बिल्कुल सच उनकी बात से सहमत भी हूं ...
दर्द की बात हो यह क्षणिकाओं की एक नाम सबसे पहले आता है ... इनका हरकीरत हीर जी
फिर है मंद बयार जहां इंदु जी के शब्दों में उनका ब्लॉग हृदयानुभूति पर यहां देखा इन्हें तो आइए आप भी ..
आपके सानिध्य में दिन-रात जो रहने लगा हूँ....... ने कहा है मृदुला प्रधान जी ने ...
कहा तो कुछ मेरी कलम से .. में हैं आपके साथ रंजना भाटिया जी
हंसकर जीवन ऐसे जिया बता रही हैं अनुपमा जी मेरी तो मंशा यही है कि
सबको साथ लेकर चलूं ... लेकिन कहीं आप सब मुझे मन ही मन ... कुछ कह तो नहीं रहे ... अब ज्यादा नहीं बस ...
हमारे ब्लॉग जगत की नई कलम के ऐसे हस्ताक्षर जिनकी चर्चा न हो तो सब सूना लगेगा ...
इनकी लेखनी भी बहुत ही सशक्त एवं परिपक्व है ... मिलते हैं अनुलता 'विद्या' जी से यहां ...
नारी सर्वत्र पूजिते ... बस कहते सुना है लोगों को ... जिसने हिम्मत कभी ना हारी है वो नारी है ....
सखियों ने भेजा संदेश ... कह रही हैं अवंती सिंह जी यहां .. आओ होली आई है
आप सभी को साथ लाने का यह प्रयास था संभव हुआ या नहीं यह तो आप ही को बताना है ... शुभकामनाएं एक दिन की नहीं .... बल्कि हर दिन की चलते-चलते ... शिखा जी यहां हैं ...जय हो !
महिला दिवस और होली के रंगों से सजी बेहद खूबसूरत और सार्थक प्रस्तुति………सभी महिलाओं को यहाँ देखकर बेहद सुखद अनुभव हुआ।
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंहमारी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार.......
कुछ लिंक्स तो पहले ही देख चुकी हूँ,शेष अब देखती हूँ.....
women power का मज़ा आया पोस्ट देख कर.....
ढेर सी शुभकामनाएँ.....
सस्नेह.
महिला दिवस पर बेहतरीन संकलन।
जवाब देंहटाएंसभी को पढ़ने का प्रयास रहेगा।
आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
पहचान कराने का बेहतरीन तरीका .... महिला दिवस पर शुभकामनायें ... यह दिवस न रह कर पल पल बने ... आभार
जवाब देंहटाएंवाह... बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति..महिला दिवस पर असीम शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंहोली और महिला दिवस पर रंग बिखेरती पोस्ट में शामिल करने के लिए आभार !!
आपको व सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं
महिला दिवस पर बेहतरीन संकलन।
जवाब देंहटाएंआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
wah!! bahut hi sunder prastuti hai aaj ki,kuch alag kuch rang birangi si...............
जवाब देंहटाएंwaah bahut hi badhiya ..mahila diwas aur holi ki dheron shubhkmaanyen ..thanks :)
जवाब देंहटाएंआपका आभार सदा जी इतनी सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति के लिये ! मुझे भी याद रखने के लिये शुक्रिया ! होली तथा महिला दिवस की अनेकानेक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ.... :)
जवाब देंहटाएंआपका आभार.... महिला दिवस और होली पर इतनी सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति के लिये.... :)
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति और प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएं