मंगलवार, 1 जनवरी 2013

जाने कितनी बार !!!

जब से हालात बदले हैं
हर पिता का मन
मां की सोच का समर्थन
करने लगा है
...
कभी हँस कर टाल दिया करता था
जो मन माँ की सोच को
तुम तो नाहक ही चिं‍ता करती हो
वह अब बिटिया के जरा सी देरी पर
अन्‍दर बाहर होता है ....
शाम ढले जाने कितनी बार !!!