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गीत को स्वर
आपका जब मिलता है
तो वह महकने लगता है,
तारीख गवाह हो आपके जन्म की
तो वह भी
यादों में सजने लगती है
मौका बन बधाई का
लबो पे मचलने लगती है
यूं ही आप देती रहें
बरसों बरस
गीतों को आवाज
बजकर एक स्वर में
यही कह रहें हैं साज ।
ये शब्द यूं ही आज आदरणीय लता जी के जन्मदिवस पर शुभकामना बन कागज पर सजीव हो उठे, इन्हें जरूरत है आपके आशीर्वाद की .........