खामोशी के साये
मुझे चारों ओर से
घेर लेते हैं जब
तो मेरी नजरें
तुम्हें खोजती हैं
मेरा मौन
तुम्हें पुकारता है
मेरा अन्तर्मन
रूदन करता है
उसकी सिसकियां
मुझे द्रवित करती हैं
तब लगता है
मैं तुम्हारा नाम लेकर
तुम्हें आवाज दूं
मेरी उस आवाज से
तुम्हें यकीन हो जाए
मेरी तड़प का
जो मौन होकर भी
बहुत कुछ कहती है .... !!!!
मुझे चारों ओर से
घेर लेते हैं जब
तो मेरी नजरें
तुम्हें खोजती हैं
मेरा मौन
तुम्हें पुकारता है
मेरा अन्तर्मन
रूदन करता है
उसकी सिसकियां
मुझे द्रवित करती हैं
तब लगता है
मैं तुम्हारा नाम लेकर
तुम्हें आवाज दूं
मेरी उस आवाज से
तुम्हें यकीन हो जाए
मेरी तड़प का
जो मौन होकर भी
बहुत कुछ कहती है .... !!!!