मायने बदल जाते हैं हर बार,
हर शब्द के
जिन्दगी में कई बार
कहते सुना
आराम हराम हो गया :) सच
पहेलियाँ बूझने की उम्र नहीं रही
पर फिर भी लोगों को
जाने क्यूँ पहेलियाँ बुझाने में
ज्यादा आनन्द आता है
सामने वाले का
चैन उन्हें भाता जो नहीं
किसी विधि हर लिया जाये
बस नित नये तरीके अपनाना
आदत में शामिल कर लिया
तभी से पहेलियाँ बुझाने का
नया शौक पाल लिया
....
कुछ लोग हुनरमंद होते हैं
लेकिन फिर भी अपना हुनर
कभी भी कायदे के काम में नहीं लेते
हमेशा बेक़ायदा हो
हाजि़र हो जाते हैं किसी भी वक़्त
गैरजरूरी काम में खुद तो उलझते ही हैं
दूसरों को भी उलझाने का
शौक़ पाल लेते हैं
....
ये शौक़ भी बड़ी अज़ीब शय है
कभी आपसे ये
अपने सुकून के लिये
जाने कितने जतन करा लेता है
कितने ही मन चाहे काम
व्यर्थ करा लेता है !!!!!!!
...
हर शब्द के
जिन्दगी में कई बार
कहते सुना
आराम हराम हो गया :) सच
पहेलियाँ बूझने की उम्र नहीं रही
पर फिर भी लोगों को
जाने क्यूँ पहेलियाँ बुझाने में
ज्यादा आनन्द आता है
सामने वाले का
चैन उन्हें भाता जो नहीं
किसी विधि हर लिया जाये
बस नित नये तरीके अपनाना
आदत में शामिल कर लिया
तभी से पहेलियाँ बुझाने का
नया शौक पाल लिया
....
कुछ लोग हुनरमंद होते हैं
लेकिन फिर भी अपना हुनर
कभी भी कायदे के काम में नहीं लेते
हमेशा बेक़ायदा हो
हाजि़र हो जाते हैं किसी भी वक़्त
गैरजरूरी काम में खुद तो उलझते ही हैं
दूसरों को भी उलझाने का
शौक़ पाल लेते हैं
....
ये शौक़ भी बड़ी अज़ीब शय है
कभी आपसे ये
अपने सुकून के लिये
जाने कितने जतन करा लेता है
कितने ही मन चाहे काम
व्यर्थ करा लेता है !!!!!!!
...
बढ़िया प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकारें ||
कभी कभी बिना शौक के भी कुछ काम करने पड़ जाते हैं , उसका क्या ? बहुत अच्छी प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंअजीबोगरीब शौक अजीब ही होते हैं, और ........ कर जाना पडता है
जवाब देंहटाएंअजीब अजीब शौक ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
सादर !
सचमुच ये शौक़ भी बड़ी अज़ीब शय है... बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंये शौक़ भी बड़ी अज़ीब शय है ......ekdam theek.
जवाब देंहटाएंशौक के भी अजीब फायदे... नफा नुक्सान बिना सोचे कई काम... बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग सदा पर मालवेयर डिटेक्ट हो रहा है कृपया उसको ठीक करें वर्ना एंटीवायरस खुलने हि नहीं देता है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंहमारा शौक किसी दूसरे की तकलीफ ना बने .
जवाब देंहटाएंआपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज के (२८ अप्रैल, २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - इंडियन होम रूल मूवमेंट पर स्थान दिया है | हार्दिक बधाई |
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबधाई.
दूसकों की सुख चैन हरना ये कैसा शौक, पर होता है कुछ लोगों को ।
हटाएंलाजवाब प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएं@मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ
शौक बड़ी चीज है........बढ़िया कविता
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