उपकार के प्रति तुम
कृतज्ञता का भाव रखते हो मन में जब
तो क्या करते हो बदले में
कृतज्ञता का भाव रखते हो मन में जब
तो क्या करते हो बदले में
उसके लिए विनम्र हो जाते हो
या नतमस्तक हो
उसका अनुसरण करने लगते हो
उसकी हर खुशी का
ख्याल रख उसके आगे-पीछे हो
उसकी ढाल बन जाते हो
सोचो क्या उसने तुम पर
इसलिए उपकार किया था
वो तो मात्र माध्यम था
तुम्हारे लिए...
जो वह निष्कपट हो बन गया
बस यह सोचकर
कभी तुम्हें भी अवसर मिले
तो किसी अंजान शख़्स पर
उपकार कर देना ...
किसी मासूम बच्चे के
सिर को सहलाकर
उसकी हंसी में खिलखिलाकर
शामिल हो जाना ...
sundar kavita.... bhavuk kar gai..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .... लेकिन लोग ही उपकार करके चाहते हैं कि उनके प्रति कृतज्ञता प्रेषित की जाये ...
जवाब देंहटाएंEXCELLENT.....
जवाब देंहटाएंउपकर्ता उपकार कर, जाए जल्दी भूल ।
जवाब देंहटाएंउपकृत भी एहसान को, दिल से करे क़ुबूल ।
दिल से करे क़ुबूल, बनाए आदत प्यारी ।
भेंटे भरसक फूल, बने जीवन संसारी ।
रविकर कर कर्तव्य, और एहसान अलहदा ।
कर्तव्यों का हव्य, सोच मत नहीं फ़ायदा ।।
बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
sundar kavita
जवाब देंहटाएंनिश्छल भावों में सुख की राह दिखाती रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना, आपके बहुत अच्छे हृदय का पता देती हुई। मेरी शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंवाह, कितनी सुंदर और सूक्ष्म बात आपने कही है...हमारा किसी ने उपकार किया तो जब तक हम किसी का भला नहीं करते कृतज्ञता का ज्ञापन पूरा हो ही नहीं सकता शब्दों से चाहे हम कितना कहते रहें.
जवाब देंहटाएंbahut hi achchi rachna aur sandesh deti hai sarthak
जवाब देंहटाएंBadi pyaari si request hai...sundar kavita
जवाब देंहटाएंकिसी मासूम बच्चे के
जवाब देंहटाएंसिर को सहलाकर
उसकी हंसी में खिलखिलाकर
शामिल हो जाना ...
अनमोल सलाह, वाह