आओ मिलके
करने चलें नमन,
तिरंगा
भारत मां की शान में
लहरा रहा
राष्ट्र गीत कोई बच्चा
सच्चे मन से गा रहा ।
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएं
संवेदनाओं के शिखर अब ढहने लगे हैं,
नयनों में भी अश्को की छटपटाहट है ।
सच्चाइयों की बस्तियां वीरान हैं जबसे,
झूठ की ऊंची इमारतों में जगमगाहट है ।