किस किस से पूछोगे
किस किस को समझोगे
यूँ तो शीर्ष पर
कोई न कोई होता है
और जिन्दगी में उसका ही
अनुसरण करते हुए
आगे बढ़ना होता है ...
मानव तन में आत्मा का
ओहदा सबसे परम विश्वासी
माना जाता है
पर मन ने अपना कब्जा वहां भी
साधिकार जमा रखा है
आत्मा कुछ कहे तो
अपना मन सबसे आगे
बुद्धि कुछ कहने को आगे होती तो भी
मन को अनसुना करना है
यह मन भी न
अपनी मनमानी के लिए
आजकल चर्चा में है :)
पल में खफ़ा तो पल में खुश
इसकी मानो तो ठीक वर्ना हो गया उदास (:
लेकिन हम सही मार्ग पर हैं या नहीं
इसके लिए बुद्धि को इसकी लगाम
अपने हाथों में रखनी होगी
ताकि आत्मा हमें
नेक राह पे ले जा सके ... !!!
किस किस को समझोगे
यूँ तो शीर्ष पर
कोई न कोई होता है
और जिन्दगी में उसका ही
अनुसरण करते हुए
आगे बढ़ना होता है ...
मानव तन में आत्मा का
ओहदा सबसे परम विश्वासी
माना जाता है
पर मन ने अपना कब्जा वहां भी
साधिकार जमा रखा है
आत्मा कुछ कहे तो
अपना मन सबसे आगे
बुद्धि कुछ कहने को आगे होती तो भी
मन को अनसुना करना है
यह मन भी न
अपनी मनमानी के लिए
आजकल चर्चा में है :)
पल में खफ़ा तो पल में खुश
इसकी मानो तो ठीक वर्ना हो गया उदास (:
लेकिन हम सही मार्ग पर हैं या नहीं
इसके लिए बुद्धि को इसकी लगाम
अपने हाथों में रखनी होगी
ताकि आत्मा हमें
नेक राह पे ले जा सके ... !!!