शुक्रवार, 15 मई 2009

पानी के चलते बदलता रूख . . .




प्रदेश में पानी की इतनी गंभीर समस्या बनी हुई है कि जिसके चलते लोग अपने आपसी सम्बंधों को भी ताक पर रख देते हैं जिसकी परिणति इस तरह से हुई कि राजधानी में तीन लोगों की हत्या कर दी गई माता- पिता और बेटा इन तीन लोगों ने पानी की समस्या से उपजे विवाद में अपनी जान गवां दी लोग मूकदर्शक बने रहे, और हमलावरों के सामने आने से छुपते रहे आज कल के हालात इस कदर हो गये हैं कि ऐसे समय किसी के लिये कोई कुछ सही कहता है तो लोग उसका गलत अर्थ लेते हैं । लेकिन आस-पड़ोस में इस तरह के हालात पैदा होते हैं तो उसके लिये किसे दोषी ठहराया जा सकता है अपने आपको या किसी और को ?

जीवन मालवीय और पत्‍नी व बेटे ने पल भर के लिये भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा कि मना करने पर उन्हें अपनी जान से हांथ धोना पड. सकता है, पानी को लेकर आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है लेकिन उसके इतने गंभीर परिणाम हो सकते हैं इस बात का अन्दाजा नहीं लगाया गया था
अभी तो गर्मी का यह मौसम बना रहेगा और पानी की कमी भी कहीं पानी की पाइप छतिग्रस्त है तो कहीं सप्लाई नहीं हो पा रही लोग इस भीषण गर्मी में काफी दूर से पानी लाने को भी मजबूर होते हैं, प्रशासनिक स्तर पर भी इसमें कदम उठाने की आवश्यकता है छतिग्रस्‍त पाइप लाइन में सुधार के साथ ही पानी के टैंकर भी जहां पानी की समस्या ज्‍यादा गंभीर है वहां पर नियमित तौर पर भेजा जाना चाहिये।
प्रशासन इन सब बातों के लिये वैसे तो निरन्तर प्रयासरत है ही लेकिन हम सबको भी पानी की बचत पर विशेष ध्यान देना चाहिये यदि आज हम पानी की बचत करेंगे तभी आने वाले समय में दिक्कतों से बच सकेंगे।

2 टिप्‍पणियां:

  1. हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
    इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

    कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
    www.samwaadghar.blogspot.com
    शुभकामनाओं सहित
    संजय ग्रोवर
    samvadoffbeat@yahoo.co.in

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