चाँद को भाये ....
हथेलियों पे
मन्नतों की मेंहदी
चाँद को भाये !
....
चौथ का चाँद
साक्षी बने जब भी
निर्जला प्रेम
!
....
सुहागन का
विश्वास लिये आता
चौथ का चाँद !
....
चौथ का व्रत
अखंड सौभाग्य दे
सुहागन को !
....
करवा चौथ
चाँद को देखकर
हर्षाये मन
!
....
सौभाग्य दीप
प्रज्जवलित कर
पूजूँ चाँद को !
जीवन में हर दिन करवाचौथ सा स्नेह और विश्वास सा भरा रहे :)
जवाब देंहटाएंshubhkamnaayen.......... sundar shabd chitran :)
जवाब देंहटाएंआदरणीया
सारे हाइकु बहुत अच्छे लगे
सुंदर !!
आभार !
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सभी दम्पतियों को करवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
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वाह क्या बात है! समझो बहार आई
जवाब देंहटाएंsundar rachna ..mere blog par aapka swagat hai..
जवाब देंहटाएंhttp://iwillrocknow.blogspot.in/
प्रेम, स्नेह की ये अविरल धारा जीवन भर बहती रहे ...
जवाब देंहटाएं“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति
सुन्दर कविता
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआपका मैं अपने ब्लॉग ललित वाणी पर हार्दिक स्वागत करता हूँ मैंने भी एक ब्लॉग बनाया है मैं चाहता हूँ आप मेरा ब्लॉग पर एक बार आकर सुझाव अवश्य दें...
वाह बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंVery beautiful praise of the moon:)
जवाब देंहटाएंLajbab prastuti sada ji
जवाब देंहटाएंआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
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