शनिवार, 18 फ़रवरी 2012

चेहरे पे मुस्‍कान :) कैसे आएगी ...
















दु:खी होने के लिए
अब बड़ी घटनाओं की
जरूरत नहीं रही मन को
वो यूँ ही कभी  भी
हो जाता है अनमना
सब कुछ सही होते हुए
जब भी
नासमझी के लक्षण दिमाग में
उथल-पुथल कर देते
वक्‍़त-बेवक्‍़त
जब भी इसकी-उसकी परव़ाह की
बात होती
मन उदास हो जाता
अब मन उदास हो तो भला
चेहरे पे मुस्‍कान :)
कैसे आएगी
लक़ीर के फ़क़ीर बनोगे जब
तो सब कुछ
एक दाय़रे में सिमटकर
रह जाएगा फि़र
आज कौन किसकी परव़ाह करता है
सब अपने लिए जीते हैं
अपनी मैं को सर्वोपरि मानते हैं
खुद की खुशियाँ
खुद के सपने वो दिन गए
जब बेग़ानी शादी में  अब्‍दुल्‍ला दीवाना
हुआ करता था ...
ये ऐसी कड़वी बातें क्‍यूँ ?
नीम का दातुन किया था न
अभी तक उसका
कसैलापन गया नहीं
या फिर सबकुछ कसैला हो गया है  
शायद  इसीलिए....!!!

17 टिप्‍पणियां:

  1. सब का मैं सर्वोपरि हो गया है ... नीम की दातुन से मुंह भले ही कसैला हो गया हो दाँत तो चमक रहे हैं न ॥तो खिलखिलाइए :):)

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

    जवाब देंहटाएं
  3. बड़ी बड़ी घटनाये इतनी हुईं कि छोटी लगने लगी ...

    जवाब देंहटाएं
  4. ghatnaa chhotee ho yaa badee
    man ko kyaa matlab
    use to bas rone kaa bahaanaa chhaiye

    जवाब देंहटाएं
  5. आज कौन किसकी परव़ाह करता है
    सब अपने लिए जीते हैं
    अपनी मैं को सर्वोपरि मानते हैं
    खुद की खुशियाँ

    SADA JI APKI YAH RACHANA GAMBHIR CHINTAN KE LIYE VIVASH KARTI HUI HAI ...SADAR BADHAI SWEEKAREN

    जवाब देंहटाएं
  6. अभी तक उसका
    कसैलापन गया नहीं
    या फिर सबकुछ कसैला हो गया है
    शायद इसीलिए....!!!

    प्रभावशाली प्रेरक रचना कुछ नया सीखने को मिला..

    जवाब देंहटाएं
  7. ये ऐसी कड़वी बातें क्‍यूँ ?
    नीम का दातुन किया था न
    अभी तक उसका
    कसैलापन गया नहीं
    या फिर सबकुछ कसैला हो गया है
    शायद इसीलिए....!!!

    sundar bhaav, ant to laazwaab....

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर भाव...

    जीभ के कसैलेपन को जाने दें...
    चलिए मन की मिठास खोजते हैं.....

    सस्नेह..

    जवाब देंहटाएं
  9. आज कौन किसकी परव़ाह करता है
    सब अपने लिए जीते हैं
    अपनी मैं को सर्वोपरि मानते हैं
    खुद की खुशियाँ

    ....आज का परम सत्य..बहुत भावपूर्ण रचना...

    जवाब देंहटाएं
  10. आज 21/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  11. अभी तक उसका कसैलापन गया नहीं
    या फिर सबकुछ कसैला हो गया है!
    सुन्दर अभिव्यक्ति!
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  12. वाकई अब दुखी होने के लिए बड़ी खबर का इंतजार नहीं.. हर दिशा से दुख देने वाली खबरें ही तो आ रही हैं। शानदार प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं