मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

कैसे कह लेता हूं मैं ......













(१)
लम्‍हा-लम्‍हा तेरे बिन
तुझको जीना
जाने कैसे जी लेता हूं
मुझको लगता है चुप हूं
फिर भी हर बात तुझसे जाने
कैसे कह लेता हूं मैं ......

(२)

मुहब्‍बत में
कसमें न खाई हमने
ना किया
वादा कोई भी कभी
फिर भी जाने
क्‍यूं लोग तेरे मेरे प्‍यार की
दुहाई देते हैं .....।

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