आप सब इनकी लेखनी से बखूबी परीचित हैं ... जी हां जिक्र है आज
आदरणीय रश्मि प्रभा जी की पुस्तकों का जो उपलब्ध हैं एक साथ ... 40 प्रतिशत की विशेष छूट के साथ
तो आइये मिलते हैं उनकी पुस्तकों से
(1) शब्दों का रिश्ता ...
(2) अनुत्तरित ....
अनुत्तरित सवाल
(3) महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक ...
निर्वाण सत्य है या असत्य
या फिर डॉयल करें .... 079- 40260260
आदरणीय रश्मि प्रभा जी की पुस्तकों का जो उपलब्ध हैं एक साथ ... 40 प्रतिशत की विशेष छूट के साथ
तो आइये मिलते हैं उनकी पुस्तकों से
(1) शब्दों का रिश्ता ...
शब्दों के बीच आम इंसान बहुत घबराता है!
शब्दों का जोड़-घटाव उनके सर के ऊपर से गुजरता है
वे भला कैसे जानेंगे उनको-
जिनके सर से होकर आँधियाँ गुज़रती हैं....(2) अनुत्तरित ....
अनुत्तरित सवाल
परिक्रमा करते हैं रूह की तरह
चाहते हैं उत्तर का तर्पण
पर जहाँ अपनी सोच से उठते है सवाल
होते हैं अक्सर अनुत्तरित (3) महाभिनिष्क्रमण से निर्वाण तक ...
निर्वाण सत्य है या असत्य
जो भी है .... इसकी चाह है
चाह को पाने के लिए होता है महाभिनिष्क्रमण ...
महाभिनिष्क्रमण !
घर त्याग
या मन का त्याग ?
(4) खुद की तलाश ...
(4) खुद की तलाश ...
यह तलाश क्या है,
क्यूँ है
और इसकी अवधि क्या है !
क्या इसका आरंभ सृष्टि के आरंभ से है
या सिर्फ यह वर्तमान है
या आगत के स्रोत इससे जुड़े हैं ?
और इसकी अवधि क्या है !
क्या इसका आरंभ सृष्टि के आरंभ से है
या सिर्फ यह वर्तमान है
या आगत के स्रोत इससे जुड़े हैं ?
Kailash Sharma ji 9 नवम्बर 2012 1:05 pm
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी..आभार
उपयोगी जानकारी के लिए आभार आपका सदा जी
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर स्वागत है
http://rajkumarchuhan.blogspot.इन
बधाई और शुभकामनाएँ ....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सदा
सस्नेह
अनु
शुभकामनायें ||
जवाब देंहटाएंइतनी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद एवँ आभार सदा जी ! रश्मिप्रभा जी का लेखन अद्भुत होता है ! उन्हें ढेर सारी शुभकामनायें ! दीपोत्सव की मंगलकामनाएं स्वीकार करें !
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की मंगलकामनाएं सदा जी !!उत्तम जानकारी के लिए आभार ...!!शुभकामनायें आपको व रश्मि दी को ...!!
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी. रश्मि प्रभाजी की लेखनी से हमें हमेशा प्रेरणा मिलती है.
जवाब देंहटाएं