किताबों में सिर्फ़ शब्द ही नहीं होते
उन शब्दों के अर्थ जिन्दगी से होते हैं
कुछ किताबें होती हैं बिल्कुल
जिन्दगी की तरह
कभी सुलझी कभी उलझी
कभी भावनाओं में बहती हुई
किताबों सा हमनशीं कोई नहीं होता
कभी शिका़यत नहीं कभी बेरूखी नहीं
जब तुमने चाहा वो तुम्हारे
साथ हो लेती हैं
बिना थके वर्क़ दर वर्क़
खुलती जाती हैं
बिना किसी झुंझलाहट के !!!
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उन शब्दों के अर्थ जिन्दगी से होते हैं
कुछ किताबें होती हैं बिल्कुल
जिन्दगी की तरह
कभी सुलझी कभी उलझी
कभी भावनाओं में बहती हुई
किताबों सा हमनशीं कोई नहीं होता
कभी शिका़यत नहीं कभी बेरूखी नहीं
जब तुमने चाहा वो तुम्हारे
साथ हो लेती हैं
बिना थके वर्क़ दर वर्क़
खुलती जाती हैं
बिना किसी झुंझलाहट के !!!
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सही तो है...।
जवाब देंहटाएंशब्द वही जो ज़िन्दगी लगे
जवाब देंहटाएंहां कुछ किताबें होती है बिलकुल ज़िन्दगी की तरह... और कुछ सच्चे साथी जैसी... बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की शुभकामनाये...
सबसे अच्छी साथी होती हैं किताबें ...
जवाब देंहटाएंसही कहा है ..
तभी तो कहते हैं कि पुस्तकें सच्छी साथी होती हैं ... सटीक विश्लेषण
जवाब देंहटाएंअपनी ये जो जिंदगी, लगे पुस्तकाकार ।
जवाब देंहटाएंसदा बांटती ज्ञान तुम, बहुत बहुत आभार ।
बहुत बहुत आभार, पेज संख्या तारीखें ।
मातु पिता गुरु श्रेष्ठ, आवरण उम्दा दीखे ।
कुछ पन्ने मुड़ जाँय, कहीं पानी पड़ जाये ।
रखिये सदा संभाल, कभी सड़ने न पाये ।।
तभी तो उनका साथ सुकून देता है....
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना सदा,,
सस्नेह
अनु
सबसे अच्छी मित्र होती हैं किताबें !
जवाब देंहटाएंकिताबें ही सबसे अच्छी मित्र हो सकती है , कुछ पूछती नहीं , सिर्फ बताती हैं :)
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंएकदम सही...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
:-)
akdam sahi bat..
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