बुधवार, 9 नवंबर 2011

कैसे गया होगा ... !!!














कोई पलकों में
जाते-जाते भी
लम्‍हा बन
ठहर गया होगा
अश्‍कों की
नमी के बीच
वहम पाला
उसने खुशी का
बता भला
अपनों से दूर
वो हंसकर
कैसे गया होगा  ... !!!

22 टिप्‍पणियां:

  1. बता भला
    अपनों से दूर
    वो हंसकर
    कैसे गया होगा ... !!!

    बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  2. बहुत सुन्दर भावयुक्त कोमल रचना...

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना
    सादर बधाई....

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  4. अपनों से दूर
    वो हंसकर
    कैसे गया होगा ... !!!

    जीवन की पकड़ है ..
    ले जाती है ..
    खींच कर ...

    सुंदर मन के भाव ..

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  5. कोई पलकों में
    जाते-जाते भी
    लम्‍हा बन
    ठहर गया होगा
    सुंदर!

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  6. अच्छी प्रस्तुति,भावपूर्ण !

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  7. उफ़ चंद पंक्तियों में गज़ब के भाव समाहित.बहुत सुन्दर.

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  8. भावपूर्ण अभिव्यक्ति...........!

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  9. वहम पाला
    उसने खुशी का ...
    waham hi sahi wo khush rahe jaise bhi rahe !

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  10. मैं हैरां होती
    उसकी संजीदगी पे
    वो मुझको समझाकर कहती
    देख हंसी सब बांट लेते हैं
    आंसू बांटना जरा
    मुश्किल होता है
    Vah bahut achhi rachana abhar

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