पूरी हथेली ... !!!!
(1)
अक्षर जैसे एक अकेली उंगली
शब्द जैसे कोई
पूरी हथेली ... !
शब्द का अर्थ
वज़न अपनी बात का .... !!
पंक्ति हो जाती यूं
जैसे धरती पे साया आकाश का ......!!!!
(2)
कितना भी
तन तेरा दुर्बल हो,
जीते जी
मन की हार नहीं होने देना,
दुर्गम हो पथ कितना भी
आगे बढ़ना ...
मन को
थकन का भार नहीं होने देना .... ।
दोनों क्षणिकाएँ बेहतरीन
जवाब देंहटाएंकितना भी
जवाब देंहटाएंतन तेरा दुर्बल हो,
जीते जी
मन की हार नहीं होने देना, ... kyonki mann ke hare haar hai, mann ke jite jeet
ek se badhkar ek......
जवाब देंहटाएंबेहतरीन क्षणिकाएँ !
जवाब देंहटाएंबहुत प्रेरक और ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत अभिव्यक्ति........
जवाब देंहटाएंdono rachna bahut umda. prerak shabd...
जवाब देंहटाएंदुर्गम हो पथ कितना भी
आगे बढ़ना ...
मन को
थकन का भार नहीं होने देना ....
shubhkaamnaayen.
दोनों क्षणिकाएं बहुत सुन्दर है ... पहली वाली खास कर अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंbahut sundar.pahli baar aana hua aapke blog par.accha laga
जवाब देंहटाएंवाह सदा जी दोनो क्षणिकाएं बहुत सुंदर । अक्षर जैसी उंगली और वाक्य जैसी हथेली बहुत सुंदर उपमाएं ।
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जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और
शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
कितना भी
जवाब देंहटाएंतन तेरा दुर्बल हो,
जीते जी
मन की हार नहीं होने देना,
bhut sundar pankti.
बहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएंसादर
man ke haare haar hai.man ke jeete jeet...bahut sundar rachna...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंसादर.
बहुत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंशब्द जैसे कोई
जवाब देंहटाएंपूरी हथेली ... !
वाह बहुत बढ़िया...
सादर.
सशक्त क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंगहन भाव भरी सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई
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