परिस्थितियां सम- विषम
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दुख का कारण
उसका निवारण
कारक मन
फिर भी निर्मल मन
को किसकी तलाश है ...
anant talash !
sunder panktiyan... dukh ka karan uska nivaaran..
सरल..सुंदर..!!!
गहन चिंतन..बहुत सुन्दर
impressive.....
बहुत सुन्दर रचना . बधाई स्वीकारें
सटीक और सुंदर...
आपका लेखन यक़ीनन उत्कृष्ट हैतारीफ़ में कुछ भी कहना बहुत मुश्किल होता है.........बंधाई स्वीकारें
anant talash !
जवाब देंहटाएंsunder panktiyan...
जवाब देंहटाएंdukh ka karan
uska nivaaran..
सरल..सुंदर..!!!
जवाब देंहटाएंगहन चिंतन..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंimpressive.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना . बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंसटीक और सुंदर...
जवाब देंहटाएंआपका लेखन यक़ीनन उत्कृष्ट है
जवाब देंहटाएंतारीफ़ में कुछ भी कहना बहुत मुश्किल होता है.........बंधाई स्वीकारें