संवेदनाओं के शिखर अब ढहने लगे हैं,
नयनों में भी अश्को की छटपटाहट है ।
सच्चाइयों की बस्तियां वीरान हैं जबसे,
झूठ की ऊंची इमारतों में जगमगाहट है ।
आज के हालात ऐसे हो गये हैं
झूठ की इमारतों में भी जगमगाहट है..... बहुत सुंदर पंक्तियाँ....
कलयुग की बात है ! वसंत पंचमी की शुभकामनाये !
sunder rachana.
bahut umda ...
आज के हालात ऐसे हो गये हैं
जवाब देंहटाएंझूठ की इमारतों में भी जगमगाहट है.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियाँ....
कलयुग की बात है ! वसंत पंचमी की शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंsunder rachana.
जवाब देंहटाएंbahut umda ...
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